जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा क्यों कहा है?

पहले हिंदु-मुस्लिम को लेकर इतना भेदभाव नहीं था। हिंदु और मुस्लिम दोनों एक ही देश में प्रेम पूर्वक रहते थे। स्वतंत्रता के दौर एवं बाद के वर्षों में इस परिस्थिति में बदलाव आया और फिर परिस्थितियाँ बदली व धार्मिक कटुता पैदा हुई| ऐसी परिस्थितियों में हिंदु तथा मुस्लिम दो अलग-अलग धर्मों के लोगों का प्रेमपूर्वक रहना स्वप्न समान प्रतीत होता है। मुसलमान और हिंदू परिवार होने के बाद भी दोनों परिवारों के संबंध बहुत अच्छे थे। दोनों के त्यौहारों को एक-दूसरे के परिवार वाले मिल-जुलकर मनाते थे। आज हिंदू और मुसलमान के नाम पर जगह-जगह दंगे होते हैं। इसके अलावा धर्म, संप्रदाय आदि के नाम पर वैमनस्यता उत्पन्न हो गई है।

इसी कारण से लेखिका की माँ अथवा कहें की लेखिका के परिवार के जवारा के नवाब के परिवार के साथ मधुर संबंध से उनके धार्मिक सहिष्णु होने का पता चलता है|


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